Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english
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अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
शिव आरती
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
O Common Lord, every single early morning as being a rule I recite this Chalisa with devotion. Please bless me in order that I may be able to complete my material and spiritual click here wishes.
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥